Saturday, September 3, 2011

भ्रष्टाचार मिटाने के लिए ईमान चाहिए और अल्लाह के हुक्म की फ़रमांबरदारी

इंसान अपने डर और लालच को जीतता आया है ईश्वर अल्लाह पर ईमान की बदौलत। आज यह ताक़त कम इंसानों के पास है और ज़्यादातर लोग इससे ख़ाली हैं।
कौन आज ईश्वर को मानता है ?
और कौन ईश्वर की मानता है ?
कौन कर्मफल में विश्वास रखता है ?
जब न तो विश्वास है और न ही वह किसी अनुशासन को मानता है तो फिर एक अन्ना ही कैसे मिटा सकता है देश से भ्रष्टाचार ?
भ्रष्टाचार मिटाने के लिए ईमान चाहिए और अल्लाह के हुक्म की फ़रमांबरदारी।
जिसे हमारी बात बुरी लगे, वह सही तरीक़ा हमें बता दे।

जय हिन्द !
वंदे ईश्वरम् !!